Monday, April 15, 2013

सफल रहा डबल डेकर का ट्रायल,

इंदौर-भोपाल-हबीबगंज डबल डेकर ट्रेन शनिवार को पहली बार इंदौर पहुंची। ट्रेन को प्लेटफॉर्म तीन पर लिया गया। इसके स्वागत के लिए कई लोग मौजूद थे। प्लेटफॉर्म के शेड (सीमेंट की चद्दरें) कोच से टकराकर तीन-चार जगह से टूटकर गिर पड़े। रेलवे अधिकारी इसे देख सकते में आ गए लेकिन बाद में इसे सामान्य बताते हुए ट्रायल को सफल घोषित कर दिया। कोच को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा। प्लेटफॉर्म के घुमावदार होने से कोच शेड से टकराए थे।

ट्रेन शनिवार सुबह 6 बजे भोपाल से निकली। मक्सी-देवास होते हुए सुबह 10.10 बजे (तय समय से आधे घंटे लेट) इंदौर पहुंची। नए और आकर्षक रैक के साथ प्लेटफॉर्म-तीन पर खड़ी ट्रेन आकर्षण का केंद्र रही। सुबह 11 बजे ट्रेन पुन: (व्हाया देवास-उज्जैन) भोपाल के लिए रवाना हो गई। अधिकारियों के अनुसार यह ट्रेन नियमित रूप से जल्द चलेगी। कोच में रखी बोरियां : एक कोच में रेत से भरी बोरियां भी रखी गईं, यह इसलिए ताकि गाड़ी चलते समय वजन से शॉक-अप आदि की जांच हो जाए।

डबल डेकर ट्रेन को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता थी। इसे देखने के लिए पहुंचे लोगों में बच्चे भी शामिल थे। सुबह 9.15 बजे से पांच वर्षीय रौनक, सात वर्षीय लक्की और तीन वर्षीय प्रियांशी पिता मनोहर पंवार के साथ स्टेशन आ गए। ट्रेन के इंदौर पहुंचने पर बच्चों ने तालियों से स्वागत किया। बड़ों ने कहा- वाह, इतनी शानदार ट्रेन। लोगों ने कोच के हर हिस्से को देखा। कभी सीट पर बैठे तो कभी फोटो खिंचवाए। इस बीच बीना-रतलाम पैसेंजर ट्रेन प्लेटफॉर्म-चार पर आ गई। इसके यात्री भी सीधे डबल डेकर ट्रेन देखने पहुंच गए।

source: bhaskar

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